सुरत : आज कल शहरों में चिडियाओं की संख्या में कमी हो रही है और कई क्षेत्रों में तो ऐसा है कि एक चिडिया भी नजर नहीं आ रही। ऐसे समय में पर्यावरणविद विरल देसाई शहरों में चिडियाओं की संख्या में बढोतरी हो इसके लिए प्रशंसनीय कदम उठाया है, जहां उन्होंने गुजरातभर में कई लोगों को चिडियाओं के चिडियाघर का तोहफा दिया है, जबकि ग्रीन उधना स्टेशन पर भी उन्होंने बडे पैमाने पर चिडियाओं के लिए चिडियाघर, फीडर और पानी की व्यवस्था की है।
गौरतलब है कि विरल देसाई ने उधना स्टेशन के पास इन्डियन रेलवे का पहला अर्बन फोरेस्ट तैयार किया है, जहां उन्होंने 1100 से अधिक नेटिव पौधे लगाए हैं। यह वन में अब कई पक्षियों आवन-जावन करते हो गए हैं, किन्तु वहां अन्य बडे पक्षियों की तुलना में चिडिया कम आती है। जिसे सुलझाते हुए उन्होंने उधना के पास अर्बन फोरेस्ट पर चिडियाओं के लिये चिडियाघर, उनके खुराक के लिए फिडर और पानी की व्यवस्था की है, जिससे चिडिया को खुराक-पानी के लिए अधिक संघर्ष न करना पडे और वह आसानी से बस सके।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि, हाल के समय में शहरों में चिड़ियाँ की उपस्थिति के संदर्भ में जो आंक आ रहे हैं वह काफी चोंकानेवाले हैं। हमारी इको सिस्टम से लेकर हमारे साहित्य तथा हमारे बचपन की यादों में चिड़ियाँ का अनन्य स्थान है और इसिलिए ही शहरों में चिड़ियाँ की संख्या बढाने की बारे पर मैं काफी गंभीर हुं। हम अगर हमारे घर के आसपास या घर की बाल्कनी – खिड़कियों में चिड़ियाँ के चिडियाघर की व्यवस्था कर देंगे तो जरूर चिड़ियाँ इसमें आएंगी और निर्भयपूर्वक जी सकेंगी, इसके तहत उनकी संख्या में भी बढोतरी होंगी।
आपको बता दे कि इस तरह विरल देसाई ने चारसों से अधिक चिडियाघरों का वितरण किया है और लोगों को चिड़ियाँ के संरक्षण के लिए लोग आगे आए इस तरह की पहल की है।